लोकसभा में पास हुआ तीन तलाक बिल |जाने कैसे बेहतर है ये मुस्लिम महिलाओ के लिए ?

अस्दुदीन ओवेसी का संशोधन रद्द
 

हेलो दोस्तों केसे है आप लोग , आशा करता हूँ अच्छे ही होंगे | दोस्तों हमारा समाज कई तरीको से महिलाओ के अधिकारों का हनन करता आया है | कुछ कुरीतिया भी है | समाज हमेशा महिलाओ को दबाने की कोशिश करता नज़र आया है | कुछ जगह तो स्थितियों में सुधार आया है ,लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति अभी भी भयावह है |लेकिन हमारी सरकार इसके लिए लगातार जागरूक है ,और इसके परिणाम भी आये है | दोस्तों महिलाओ के अधिकारों के हनन के लिए एक महत्वपूर्ण बिल लोकसभा में मजूर हुआ है जो वाकई में प्रशंशा योग्य है | दोस्तों तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हो गया है | और क्या बिंदु रहे इसके ये हम आपको आज के इस पोस्ट में बतायेंगे |

अस्दुदीन ओवेसी का संशोधन रद्द


लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017 में पेश किया गया , जो पास हो गया है | एआईएम्आईएम्  के सांसद असदुद्दीन ओवेसी ने इसमें तीन संसोधन की मांग रखी थी , जो वोटिंग के दोरान ओंधे मुह गिर गया | लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तीन तलाक बिल के पास होने की घोषणा की| उन्होंने कहा की लोकसभा में तीन तलाक बिल पर अभी तक के सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो चुके है | ओवेसी के तीसरे संशोधन प्रस्ताव के पक्ष में सिर्फ एक वोट पड़ा , इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने भारत में तीन तलाक पर बेन लगाने वाले विधेयक मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक , 2017 के पास होने की घोषणा कर दी , इस विधेयक की खास बात ये है की इसे दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है |

 

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तीन तलाक विधेयक की प्रमुख बाते |

Triple talaq bill passed



1.तीन तलाक पर लाये गए विधेयक में कहा गया है की यह विधान विवाहित मुस्लिम महिलाओ को लेंगिग न्याय और लेंगिग समानता के वर्ह्तर साविधिक ध्येयो को सुनिश्चित करेगा और उनके भेदभाव के प्रति अधिकारों के हित साधन में सहायक होगा |

2.इसमें कहा गया है की किसी व्यक्ति की और से उसकी पत्नी के लिए ,शब्दों द्वारा , चाहे बोले गए हो या लिखित हो या इलेक्ट्रोनिक रूप में हो या किसी अन्य रीती में हो या कोई भी हो , तलाक की घोषणा अवेध और अमान्य होगी |

3. इसमें कहा गया की जो व्यक्ति अपनी पत्नी को इस प्रकार से तलाक की घोषणा करता है , उसे तीन साल जेल और जुरमाना से दण्डित किया जाएगा |

4. विधेयक के कारणों एवं उद्देश्यों में कहा गया है की सुप्रीम कोर्ट ने शायरा बानो बनाम भारत संघ एवं अन्य मामलो तथा संबध मामलो में २२ अगस्त २०१७ को 3/2 बहुमत से तलाक ए बिद्दत की प्रथा को निरस्त कर दिया था | यह निर्णय कुछ मुस्लिम आदमियों की और से विवाह विचेद्ध की पीढियों से चली आ रही स्वेचाचारी और बेतुकी पद्दति से मुस्लिम महिलाओ को स्वतंत्र करने में बढ़ावा देता है |

 

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चर्चा के दोरान अकबर और ओवेसी की बहस |

एम जे अकबर और ओवैसी

 

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तीन तलाक सम्बन्धी विधेयक पर आज लोकसभा में चर्चा के दोरान केंद्रीय मंत्री ऍम जे अकबर और ओवेसी के बीच बहस देखने को मिली ,मुस्लिम विवाह विधेयक 2017 पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अकबर ने शाह बानो प्रकरण का हवाला दिया तो ओवेसी ने उनको टोका और कहा की उस वक्त आपने उस कानून (राजीव गाँधी के समय ) को पारित किया था | इस पर अकबर ने कहा मेरे दोस्त को शायद ये नही पता की वेह 1989 में कांग्रेस में शामिल हुए थे | शाह बानो प्रकरण 1985 का है ,शाह बानो को उसके पति ने तलाक दे दिया था और उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में पीडिता के लिए मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था , इस आदेश के विरोध में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कुछ मुस्लिम संगठनों ने आन्दोलन किया जिसके बाद राजीव गाँधी सरकार इसके खिलाफ कानून लायी |

तो दोस्तों केसा लगा आप लोगो को आज का ये पोस्ट ,आशा करता हु अच्छा ही लगा होगा , दोस्तों इसे हे जागरूक रहे और जुड़े रहे हमारे साथ और कमेंट कर हमे अपने कीमती सुझाव देते रहे इसे ही और जानकारी के साथ फिर मिलेंगे |

By Chirag Singh

नमस्कार पाठको, This is you author Chirag from Haridwar. I have my own business. I like singing, dancing, watching reality shows and movies. I also like to write that why i am here. This blog is my starting of my blogger life so i always want i will give some unique and helpful content to my reader. So please keep reading my Blog GAJABCHIJ for Gajab Doses

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