देशी गाय का घी| गुण
 

हेलो दोस्तों केसे है आप लोग , आशा करता हु अच्छे ही होंगे | दोस्तों आज का ये पोस्ट आप लोगो की सेहत से जुड़ा है | घी तो शायद हर कोई खाता होगा लेकिन घी के उपयोग और लाभों के बारे में शायद आप लोगो को भी पता नही होगा , तो दोस्तों आइए आज आप लोगो को में आज देसी गाय के घी का उपयोग और लाभ बताऊंगा |

गाय को गोमाता कहते है दोस्तों इसके पीछे भी कई कारण है , गाय के घी में अद्भुत गुण होते है , जो रोग निवारक भी होते है और पोष्टिकता भी देते है | आयुर्वेद में गाय के घी को रुचिकारक , आरोग्यवर्धक बताया गया है |

देशी गाय का घी| गुण


देसी गाय के घी के गुण और उपयोग |

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वेसे सभी देसी घी लाभकारी होते है | लेकिन गाय का घी बेहतर माना जाता है | क्यूंकि देसी गाय की नस्ल में ढूध बढ़ाने के लिए कोई अनुवांशिक बदलाव नही किये गये है | इसलिए देसी गाय का घी सर्वोत्तम होता है | देसी गाय अधिकतर चारा ही खाती है उनको ढूध बढ़ाने वाली कोई विशेष खुराक नही दी जाती | इनके ढूध में घी की मात्रा भी अधिक मिलती है | घी का रंग भी सुनेहरा और सुगन्धित होता है |

 

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शक्तिवर्धक योग |

sushil kumar

गाय का घी , चिल्का सहित भुना पीसा काला चना और शक्कर तीनो को सामान  मात्रा में मिलाकर लड्डू बना ले | सुबह खली पेट एक लड्डू खूब चबा चबा कर खाते हुवे एक गिलास  मीठा गुनगुना ढूध घुट घुट  कर पीने से महिलाओ की कमजोरी  और प्रदर रोगों में  आराम मिलता है | जबकि पुरुषो का शरीर सुडोल और बलवान बनता है | गाय के घी से वीर्य बढ़ता है , शाररिक और मानसिक  ताकत में भी वृद्धि होती है | ज्यादा कमजोरी लगे तो एक गिलास ढूध में एक चम्मच घी और मिश्री दाल कर पी ले |



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रोग निवारक |

देशी गाय का घी| गुण

हिचकी ना रुकने पर काली गाय आधा चम्मच घी खाए हिचकी रुक जायगी | घी (२० से २५ ग्राम ) और मिश्री खिलाने से शराब , भांग , गांजे का नशा कम हो जाता है | गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ऑपरेशन ठीक हो जाता है | देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक शमता होती है | इसके सेवन से स्तन और आंत के कैंसर से बचा जा सकता है | गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है बल्कि इस बीमारी को फेलने से भी आश्चर्य जनक रूप से रोकता है | अगर हार्ट की प्रॉब्लम है और चिकनाई की मनाही है तो गाय का घी खाए हार्ट मजबूत होता है | जलने से बने फफोले पर गाय का घी लगाने से आराम मिलता है | गाये के घी का नियमित उपयोग करने से एसिडिटी और कब्ज़ की शिकायत दूर हो जाती है |

 

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मालिश के लिए |

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हथेली और पाँव के तलवे में जलन होने पर गाय के घी से मालिश करने पर जलन में आराम मिलता है | गाय के घी से बच्चो में मालिश  करने से शरीर की खुस्की कम होती है | गाय के पुराने घी से घुटनों की मालिश करने से घुटनों के दर्द में लाभ मिलता है |



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नस्य के लिए |

Nasya

घी की नस्य का मतलब है की सबसे छोटी ऊँगली को नाक में डालकर हल्के से अंदर सांस लेना ताकि घी नाक के अंदर चला जाये | गाय का घी नाक में डालने या नस्य करने से एलेर्गी में लाभ मिलता है | गाय का घी नाक में डालने से बाल का झड़ना बंद होकर नये बाल आने लगते है | गाय का घी नाक में डालने से लकवा के  रोग का भी उपचार होता है |

तो दोस्तों केसी लगी आपको गाय के घी से सम्बंधित ये जानकारी , आशा करता हु अच्छी ही लगी होगी | दोस्तों इसे ही और अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहिये हमारे साथ और कमेंट कर अपना कीमती सुझाव जरुर दे |

By Chirag Singh

नमस्कार पाठको, This is you author Chirag from Haridwar. I have my own business. I like singing, dancing, watching reality shows and movies. I also like to write that why i am here. This blog is my starting of my blogger life so i always want i will give some unique and helpful content to my reader. So please keep reading my Blog GAJABCHIJ for Gajab Doses

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