टाइटैनिक जहाज के बारे में आप सब जानते ही होंगे| सभी टाइटैनिक मूवी भी देखी होगी| किस तरह जहाज़ डूबता है| और जहाज़ कितना बड़ा था| क्या क्या था उस जहाज़ में पर वो कितना सच था किसे पता | पर आपको चिंता करने की कोई जरुरत नही है हम है ना आपका घ्यान बढाने के लिए| तो चलिए आज उसी विशालका्य टाइटैनिक जहाज़ के बारे में कुछ बाते जानते है |
- टाइटैनिक जहाज के सफर पर जाने से पहले एक खास प्रथा निभाई गई। इस प्रथा के मिताबिक, जहाज पर एक निर्धारित जगह पर शराब की बोतल तोड़ी जाती थी लेकिन उस दिन टाइटैनिक के सफर पर जाने से पहले इस प्रथा का पालन नहीं किया गया। लोगों का यह मानना है कि यदि उस दिन ऐसा किया गया होता तो शायद जहाज दुर्घटना का शिकार नहीं होता।
- टाइटैनिक जहाज की लम्बाई 291.5 मीटर थी, जो उस समय का सबसे बड़ा जहाज था।
- इस जहाज को में एक दिन में करीब 825 टन कोयला इस्तेमाल होता था और उससे करीब 100 टन राख प्रत्येक दिन निकलती थी।
- यह जहाज तीन फुटबाल के मैदानों जितना बड़ा था। इसे 31 मई 1911 को देखने के लिए एक लाख से ज्यादा लोग आये थे।
- टाइटैनिक जहाज में भाप निकलने वाले 4 स्मोकस्टेक्स लगे थे। यह टाइटैनिक की खूबसूरती को और बढाते थे। लेकिन आप यह जानकर हैरान होंगे कि उनमें से एक स्मोकस्टेक महज शोपीस था, वह काम नहीं करता था।
- टाइटैनिक शिप 10 अप्रैल 1912 को इंग्लैंड के साउथम्प्टन से न्यूयार्क की तरफ रवाना हुआ और चार सफर करने के बाद 14 अप्रैल 1912 को रात 11.40 बजे यह एक हिमपर्वत से टकरा गया और इसके निचले हिस्से में पानी भरना शुरू हो गया।
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- टाइटैनिक के दुर्घटना की रात अटलांटिक महासागर में कैलिफोर्नियन नाम का एक और जहाज उसी के करीब तैर रहा था। लेकिन उसे सूचना समय से नहीं मिल पायी, यदि उसे समय से सूचना मिल जाती तो काफी लोगों की जान को बचाया जा सकता था।
- इस जहाज के डूबने के एकदिन पहले जहाज में जाने वाले यात्रियों के साथ लाइफबोट ड्रिल का अभ्यास किया जाना था। लेकिन उसे कैंसिल कर दिया गया था यदि यह ड्रिल की गयी होती तो लाइफ बोट्स का इस्तेमाल अच्छी तरह किया जा सकता है।
- दुर्घटना के समय 16 लाइफ बोट्स का इस्तेमाल करने में करीब 80 मिनट लग गये, पहली लाइफ बोट में महज 28 लोग ही बैठे थे क्योंकि लोगों के ऐसा अंदाजा ही नहीं था कि जहाज डूब सकता है। अगर सभी लाइफबोट्स का सही तरीके से इस्तेमाल किया गया होता तो करीब इनमें 472 लोग आ सकते थे।
- टाइटैनिक उस चट्टान से टकराने से पहले 6 चेतावनी मिली थी। बर्फ की चट्टान दिखने और जहाज़ के उससे टकराने के बीच सिर्फ 30 सेकेंड का समय था।
- टाइटैनिक जब डूबा तो वह जमीन से करीब 640 किमी दूर और अपने चौथे दिन के सफर पर था। जहाज को डूबने में 2 घंटे और 40 मिनट का समय लगा।
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- टाइटैनिक पर करीब 3547 लोग सवार थे जिनमें 2687 यात्री और 960 क्रू मेंबर्स थे, इनमें से करीब 1537 लोगों इस हादसे में अपनी जान गवां बैठे।
- इस दुर्घटना में दो कुत्तों के अलावा 706 व्यक्तियों को ही वचाया जा सका।
- इस दुर्घनटा में जान गवा बैठे लोगों में से महज 306 लोगों की लाशे ही मिल पायी।
- टाइटैनिक शिप जिस समुद्र में डूबा था उसका तापमान -2 डिग्री सेल्सियस था जिसमें कोई भी इंसान 15 मिनट से ज्यादा जिंदा नहीं रह सकता था।
- इतिहास में आइसबर्ग से टकराने वाला टाइटैनिक दुनिया का अकेला इतना बड़ा जहा है।
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- जिस हिमपर्वत से जहाज टकराया था उसकी ऊंचाई करीब 100 फीट थी यह ग्रीनलैंड के ग्लेशियर से आया था।
- टाइटैनिक से टकराने वाले हिमपर्वत करीब 10,000 हजार साल पहले ग्रीनलैंड से अलग हुआ था, पर यह टकराने के सिर्फ दो सप्ताह बाद ही नष्ट हो गया था क्योंकि टक्कर से इस हिमपर्वत को भी काफी नुकसान हुआ था।
- टाइटैनिक शिप में आज से करीब सौ बर्ष पहले फर्स्ट क्लास में सफर करने वालों को 4,350 डॉलर यानि करीब 2 लाक 70 हजार रूपये चुकाने पड़ते थे।
- सेंकेण्ड क्लास के लिए 1,750 डॉलर यानि करीब 1 लाख रूपये और थर्ड क्लास के लिए 30 डॉलर यानि करीब 2 हजार रूपये अदा करने पड़ते थे। वहीं यदि आज के वक्त के डॉलर की कीमत को देखा जाए तो एक यात्री को करीब 50 लाख रूपये चुकाकर इसमें सफर करना पड़ता।
- इस शिप के कैप्टन स्मिथ इस यात्रा के बाद रिटायरमेंट लेने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उनकी जिंदगी के लिए यह सफर आखिरी साबित हुआ। इस जहाज में करीब 14,000 गैलन पानी का यूज किया जाता था और करीब 900 टन भारी बैग और बांकी माल भी इस पर रखा हुआ था।
तो ये थी जानकारी टाइटैनिक जहाज़ के बारे में उम्मीद करते है आपको पसंद आएगी|