आपके अंधविश्वास में कितनी है सच्चाई या फिर छुपी हुई है उसमे कोई अच्छाई?
 

हमारा देश अंधविश्वासों से भरा पड़ा है। ये अंधविश्वास प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। अंधविश्वासी लोग इनका पालन किसी भी कीमत पर करते हैं।और अगर आप किसी को इन्हें करने से माना करेंगे तो सामने वाला आपको पागल समझेगा | इन अंधविश्वासों के पीछे जो सबसे पहली वजह सामने आती है वह है जीवन की सुरक्षा और भय है जिसे लोगो ने अपने जीवन में इस कद्र अपना लिया है की छोटा सा भी अपशगुन हो तो उनकी जान सी  निकल जाती है|और एक मजे की बात यह है की अगर उनसे किसी अंधविश्वास का कारण पूछ लो की ऐसा क्यूँ होता है आपको कैसे पता तो अधिकतर लोगो का जवाब होता है मुझे नही पता मुझे तो किसी ने कहा था और वो कोई घर का बुजुर्ग ही होगा और अगर आप उनसे पूछोगे तो वो भी यही दोराहंगे|मतलब साफ़ है पता किसी को नही पर उसे साथ लेकर जरुर चलना है|  हालांकि, आज हम भारत में मौजूद कुछ ऐसे अंधविश्वासों के पीछे की वजह और  कुछ चौंकाने वाली सच्चाई को बताने जा रहे है , जिनको जानने के बाद शायद ही आप भी इन अंधविश्वासों से तौबा कर लें।तो चलिए जानते है कुछ ऐसे ही अंधविश्वासो के बारे में|

superstition

 


बिल्ली का रास्ता काट देना|

आपके अंधविश्वास में कितनी है सच्चाई या फिर छुपी हुई है उसमे कोई अच्छाई?

बहुत से लोगों को ये करते हुए देखा गया है कि वो अगर काली बिल्ली रास्ता काट दे तो आगे नहीं बढ़ते। लेकिन इसके पीछे की सच्चाई ये है कि प्राचीन काल के दौरान, लोग जब रात के समय बैलगाड़ियों से कहीं जाता करते थे तो अक्सर तेंदुए, लोमड़ी और बड़े जानवर उनके सामने आ जाते थे। उनकी चमकदार आँखों को देखकर गाय, घोड़ और बैल को डर लगता था। इसलिए, किसी भी नुकसान से बचने के लिए वे अपनी लंबी यात्रा के दौरान नियमित अंतराल पर कुछ देर के लिए रुक जाते थे। लेकिन समय के साथ यह धारणा आगे बढ़ती गई और लोग बिल्लियों को साथ दिन में भी ऐसा करने लगे।

 

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मंगलवार को बाल नहीं कटवाना|

hair cutting

पुराने दिनों में ज्यादातर लोग किसान थे। अपने खेतों में कड़ी मेहनत के बाद, सोमवार को वो आराम करते थे। सोमवार को वे अपने घरों को साफ करते थे और अपने बाल कटवाते थे। इसलिए, नाई को मंगलवार को ज्यादा काम नहीं मिलता था। परिणामस्वरूप, वह अपनी दुकान बंद रखता था, जिसे अब अंधविश्वास माना जाने लगा है।

घर के अंदर छाता खोलना|

open umbrella

उन दिनों में छातों को बनाने में मजबुत धातु का इस्तेमाल किया जाता था और इसमें स्प्रिंग ट्रिगर लगे होते थे जिसे घर में खोलना खतरनाक हो सकता था। इससे लोगों और घर के सामन को नुकसान पहुंच सकता था। इसलिए ऐसी मान्यता थी।

 

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दुकानों में नींबू और 7 हरी मिर्च लटकाना|

nimbu-mirchi

कपास का धागा जो मिर्च और नींबू को लटकाने के लिए उपयोग किया जाता है वह ताजा होने पर एसिड को अवशोषित करता है। यह सरल कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है और इससे दुकान को कीटों और फंतीगों से दूर रखने के लिए प्रयोग किया जाता है।

 



शीशे का टुटना बुरी किस्मत का प्रतीक है|

mirror broken

प्राचीन समय में शीशे बहुत नाज़ुक और महंगे थे, इसलिए लोगों ने अफवाह फैला दी कि यह उन लोगों के लिए बदकिस्मती के प्रतीक है जो इसे तोड़ते हैं।

 

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सूर्यास्त के बाद नाखून काटना और शेविंग|

shaving and nails cutting

पुराने दिनों में बिजली नहीं होती थी और अंधेरे में सूर्यास्त के बाद नाखून काटना और शेविंग करना हानिकारक हो सकता है। इसलिए, हमारे पूर्वजों ने सूर्यास्त के बाद तार्किक कारण से नाखून काटने या सेविंग न करने का सुझाव दिया था।

1 तीली से 3 सिगरेट जलाना|

smoking

यह परंपरा लोक कथाओं से संबंधित है, जो प्रथम विश्व युद्ध के बाद सामने आया था।

 

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गर्भवती महिलाओं का ग्रहण के दौरान बाहर नहीं जाना|

pregnant women outside

ग्रहण के दौरान हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने के लिए ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचना चाहिए।

 



महिलाओं के मासिक धर्म को अशुद्ध मानना|

period

मासिक धर्म के दौरान, महिलाओं को खून निकलता है और इसलिए उन्हें ज्यादा मेहनत वाले कामों से बचना चाहिए।

 

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मृत व्यक्ति की आँखों को बंद रखना |

death

मृत व्यक्ति के साथ ऐसा करना केवल व्यक्ति को ऐसी स्थिति में रखना है जैसे वह शांति से सो रहा है।

तो ये था आज पोस्ट आपके लिए उम्मीद करते है आपको पसंद आएगा| और हो सके तो इन अंधविश्वास से बचिए ना की इनका हिस्सा बनिए| याद रखियेगा आज जो आप सीखोगे कल की आने वाली पीढ़ी आपसे वही सीखेगी|

By SUDHIR KUMAR

नमस्कार पाठको| I am Sudhir Kumar from haridwar. I am working with a company as a quality Engineer. i like to singing,listening music,watching movies and wandering new places with my friends. And now you can call me a blogger. If you have any suggestion or complain you direct mail me on sudhir.kumart.hdr1989@gmail.com

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