आमतौर पे त्रिफला को एक पेट रोग की औषधि माना जाता है | लेकिन इसके अन्य गुणों को शायद आप नही जानते होंगे, तो आएये जानते है त्रिफला के गुणों के बारे में शायद जिसको आपलोग भी नही जानते|
हेलो दोस्तों केसे है आप लोग, आशा करता हु अच्छे ही होंगे आज में आपलोगों को त्रिफला के गुणों के बारे में बताने जा रहा हु, जो शायद आपलोग भी नही जानते होंगे| दोस्तों त्रिफला के उपयोग से रोग मुक्त जीवन पाया जा सकता है| मुक्य्तः त्रिफला आवला, बहेड़ा, और हरद के फलो को सुखाकर बनाया जाता है | इनको पीसकर इसका चूर्ण बना लिया जाता है, त्रिफला आमतोर पर बहुत आसानी से प्राप्त हो जाता है,और यह कई तरह के स्वस्थ्य लाभ भी देता है|
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त्रिफला: गुण
त्रिफला में विटामिन c ,गालिक एसिड, चेबुलिनिक एसिड, बेल्लेरिकानिन, क़ुइनोनेस, फ़्लवोनोइद्स आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते है| और इन तत्वों की वजह से हमे की प्रकार का स्वास्थ लाभ मिलता है | त्रिफला को सुजन निवारक, कैंसर रोधी, लीवर और किडनी और लीवर का गार्ड, पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला इन्फेक्शन में प्रयोग होने वाला माना जाता है | हमारे आयुर्वेद में त्रिफला को त्रिदोष निवारक कहा गया है|
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रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है |
अगर हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति ठीक होती है तो जल्दी से हमे कोई बीमारी नही होती| और त्रिफला का सबसे अच्छा गुण ये है की यह रोग प्रतिरोधक है | यह आपको अनेक रोगों से बचाता है, त्रिफला के सब गुणों का आधार इसकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाना ही है | जो आपके तन और मन को स्वस्थ बनाता है |
कैंसर रोधी |
जब त्रिफला का उपयोग किया जाता है तो जो कोशिकाए कैंसर से प्रभावित होती है उनकी ROS गतिविधि बढ़ जाती है | ये गतिविधि आसपास की स्वस्थ कोशिकाओ को कैसर से प्रभावित होने से बचाती है | यह शोध काफी अछा है मगर यह प्रयोग अभी तक जानवरों पर ही किया गया है|
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विषाक्त द्रव्यों से राहत |
आजकल दवाइयों के की दुष्प्रभाव हम देखते है, दर्द निवारक दवा , एंटीबायोटिक इन सब के साइड इफ़ेक्ट होते है जैसे की किडनी, लीवर फेल हो जाना पेट के रोग आर्थराइटिस मधुमेह , अलेर्जी जैसी दिक्कते हो जाती है | त्रिफला को रोज प्रयोग करने से किडनी और लीवर की प्रॉब्लम जो पेरासिटामोल के प्रयोग से होती है उनमे लाभकारी होता है|
मसूडो, दांत और मुख रोगों में लाभकारी |
प्रमुख रूप से दांतों के रोगों का मूल मसुडो का फूलना है, मसूडो की सुजन जो पहले पता नही चलती बाद में ये पायरिया का कारण बनती है इससे भोजन के कण दांतों की जड़ो की तरफ जाने लगते है और वहा पर रोग और सडन पैदा होने लगती है | इससे मुह से बदबू आना और दांतों का कमजोर होना जेसे समस्या धीरे धीरे बढने लगती है | त्रिफला का सेवन करने और त्रिफला के पानी से कुल्ला करने से मुह के की रोगों से बचा जा सकता है |
आँखों के लिए लाभकारी |
त्रिफला मोतियाबिंद में लाभकर माना जाता है, आयुर्वेद में भी त्रिफला के पानी का eye ड्राप की तरह use और आंख धोने से लाभ बताया गया है| की प्रकार के दृष्टि दोषों से बचा भी जा सकता है |
एसिडिटी निवारक |
त्रिफला के सेवन से पेट की एसिडिटी में लाभ मिलता है और अल्सर का भी इलाज हो जाता है| इसके आलावा त्रिफला कोलेस्ट्रोल कम करने , पाचन क्रिया को सही करने आदि में भी प्रयोग किया जाता है | तो है ना त्रिफला गुणकारी |
तो दोस्तों केसा लगा आपलोगों को आज का ये पोस्ट आशा करता हु पसंद आया होगा और जानकारी भी अच्छी लगी होगी , तो दोस्तों बने रहिये ऐसे हे हमारा साथ और साथ की साथ कमेंट करके अपने महत्वपूर्ण विचार भी बताते रहे |