एक मंदिर ऐसा जिसमे ना कोई देवी ना कोई देवता |

एक मंदिर ऐसा जिसमे ना कोई देवी ना कोई देवता |
 

मनो या ना मानो भारत एक ऐसी जगह है जहां आप केवल देवताओं की पूजा होते नहीं, बल्कि पेड़ों और जानवरों की पूजा होते भी देख सकते है या कभी अपने देखा भी होगा। लेकिन, मुझे यकीन है कि आपने कभी एक मोटरबाइक की पूजा होते हुए नहीं देखी  होगी |

लेकिन ओम बन्ना मंदिर में, मोटरसाइकिल को एक देवता के रूप में पूजा की जाती है!

चंडीला गांव के पाली जिले में स्थित, जोधपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर, यह मंदिर पाली में राष्ट्रीय राजमार्ग 65 पर यात्रियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है, और हैरानी की बात यह की हर रोज़ हजारो लोग यंहा शराब चढ़ाते है|

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स्थानीय लोगों के हिस्साब से करीब 22 साल पहले इस मोटरबाइक की पूजा करना सुरु किया गया था

एक मंदिर ऐसा जिसमे ना कोई देवी ना कोई देवता |

हुवा ऐसा था कि दिसम्बर 02 ,1991 में, मोटरबाइक के मालिक, ओम सिंह राठौर (जो चटिला में एक शक्तिशाली राजपूत परिवार से थे) पाली  से जब वे अपने घर वापस लौट रहे थे तब उनकी मोटरबाइक  पेड़ से टकराकर  एक खाई में जा गिरी। घटनास्थल पर उनकी मौत हो गई और पुलिस ने उनकी मोटरसाइकिल को  रोहतगढ़ पुलिस ने अपनी कस्टडी में लिया ,पर आश्चर्य की बात है अगली सुबह, मोटरसाइकिल दुर्घटना स्थल पड़ी हुई मिली | यह मानते हुए कि किसी ने शरारत की है  पुलिस स्टेशन पर वापस ले गए, पुलिस ने ईंधन टैंक खाली कर दिया, मोटरसाइकिल को जंजीर से बांध दिया । लेकिन उसी घटना ने स्वयं को दोहराया जंजीरों को तोड़ा गया और उसी मोटरसाइकिल को रहस्यमय तरीके से दुर्घटना स्थल पे वापस जा पहुंची। जब स्थानीय लोगों ने इस अविश्वसनीय घटना के बारे में सुना, तो उनका मानना ​​था कि इस सब के पीछे एक अज्ञात दैवी शक्ति थी जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए।  तब उन्होंने मोटरबाइक का एक मंदिर बनाने का फैसला किया। एक छोटा सा मंदिर उस दुर्घटना स्थल के पास बनाया गया था और धीरे-धीरे, लोगों को इसके बारे में पता चला मंदिर को बुलेट बाबा के रूप में जाना जाने लगा और  यह माना जाता है कि ओम बान्ना भावना व्यथित यात्रियों की मदद करती है|

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एक मंदिर ऐसा जिसमे ना कोई देवी ना कोई देवता |

हर दिन आसपास के  गांवों के लोग और यात्री इस मंदिर में रुक कर बाईक और उसके दिवंगत मालिक ओम सिंह राठौड़ से  प्रार्थना करते हैं, की उनकी यात्रा मगल्मय हो और ऐसा कहा जाता है कि कोई भी यात्री अगर प्रार्थना करने के लिए मंदिर में नहीं रुकता  है तो उसकी यात्रा सफल नहीं होती और उसके साथ कोई दुर्घटना भी हो सकती है| लोग बाइक को तिलक करके उसपर लाल धागा भी बांधते  है|

पता नही ये लोगो का अंधविश्वास है या कट्टर श्रधा भगवान ही जाने इसमें कितनी सच्चाई है|

 

 

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