फास्टफूड का शौकीन कौन नहीं होता. पिज्जा, बर्गर, चिकन विंग्स, फ्रेंच फ्राइज, ये पढ़ते हुए ही आपके मुंह में पानी आ रहा होगा| फास्टफूड खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, इसे खाना भी बहुत आसान होता है| यात्रा में या घूमते-फिरते इसका आनंद लिया जा सकता है| लेकिन फास्टफूड आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदेह है|मोटापा, हाई-ब्लडप्रेशर, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के पीछे फास्टफूड का बहुत बड़ा हाथ है|आज कल के बच्चे और खास कर के हम जैसे नौजवान बर्गर को जाएदा ही पसंद करते है|पर आप जानते है की ये कितना नुकसान भरा हो सकता है|स्वाद स्वाद में हम अपना कितना नुकसान कर लेते है| तो चलिए आज आपको बताते है एक ऐसे ही बर्गर के बारे में जिसे पचने में पुरे तीन दिन लगते है|
हाल ही में एक वेबसाइट ‘फास्ट फूड प्राइस’ ने एक टाइमलाइन बनाई है| इसमें मेकडॉनल्ड के मशहूर और लोगों के सबसे चहेते बर्गर ‘बिग मैक‘ का जिक्र है| इस वेबसाइट ने बताया है कि एक ‘बिग मैक’ खाने के 1 घंटे तक आपके शरीर में क्या-क्या रासायनिक क्रियाएं होती हैं| बिग मैक एक बीफ बर्गर है जो भारत के मेकडॉनल्ड्स में नहीं मिलता| भारत में मिलने वाले ‘चिकन महाराजा मैक‘ को ‘बिग मैक’ का विकल्प माना जा सकता है|इस वेबसाइट ने एक ‘बिग मैक’ खाने के 10 मिनट बाद से लेकर 1 घंटे तक शरीर के अंदर ब्लड शुगर, एन्जाइम और हॉर्मोन किस तरह चढ़ते और उतरते हैं, इसका विस्तृत उल्लेख किया है| खास बात यह भी है कि ‘बिग मैक’ को खाने से जुड़ी यह जानकारी मेकडॉनल्ड ने अपनी वेबसाइट पर भी पब्लिश की है|
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पहले 10 मिनट खाने के बाद-
हमारा दिमाग अधिक कैलोरी वाले भोजन को खाकर ही संतुष्ट होता है| यह हमारे पूर्वजों की देन है| दरअसल आदिमानवों के दौर में जब भोजन की कमी थी, हमारे पूर्वजों को अपना पेट भरा रखने के लिए अधिक कैलरी का भोजन खाना पड़ता था| इसीलिए करीब 540 कैलोरीज से भरा हुआ ‘बिग मैक’ खाने के बाद पहले 10 मिनट तक हमारा मन खुश हो जाता है|इसके पीछे का कारण है दिमाग द्वारा रिलीज किए गए ‘फील गुड’ केमिकल जैसे डोपामीन न्यूरोट्रान्समिटर| इसीलिए बर्गर खाने के पहले 10 मिनट तक हमें संतुष्टि और खुशी की फीलिंग महसूस होती है| कई वैज्ञानिकों का मानना है कि ये ‘फील गुड’ केमिकल कोकीन जैसे ड्रग्स से मिलता-जुलता असर करते हैं और बार-बार हमें ये हाई- कैलोरी फास्टफूड खाने के लिए प्रेरित करते हैं|
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20-30 मिनट खाने के बाद-
अब ‘फील गुड’ केमिकल का असर खत्म होने लगता है|यहीं से फास्टफूड के नुकसान असर करना शुरू करते हैं| बर्गर के बन में भारी मात्रा में फ्रक्टोज कॉर्न सिरप और सोडियम की भारी मात्रा पाई जाती है| इसी वजह से एक एक बर्गर खाने के 20 मिनट बाद ही एक और बर्गर खाने की तलब लगने लगती है| बन में 970 मिलीग्राम सोडियम होता है| सोडियम की आदत है कि बहुत अधिक मात्रा में पानी सोखता है|970 मिलीग्राम सोडियम अगल-बगल वाली कोशिकाओं से पानी सोखने लगता है| इस कारण शरीर में डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा हो जाती है| यही कारण है कि हमारे दिल को अधिक तेजी से काम करना पड़ता है| शरीर का तापमान और ब्लडप्रेशर तेजी से बढ़ता है और हमें कुछ मीठा पीने की तलब होने लगती है|
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40 मिनट खाने के बाद-
अब आपके दिमाग के भूख लगने वाले सेंटर फिर से एक्टिव हो जाते हैं| इसका कारण है कि आपके दिमाग ने शरीर के बढे हुए ब्लडशुगर पर से नियंत्रण खो दिया है| यही कारण है कि अब आपके शरीर को और अधिक हाई-कैलोरी भोजन खाने की इच्छा होने लगती है| हाई-कैलोरी भोजन खाने के बाद आपके खून में इन्सुलिन तेजी से बढ़ता है और ग्लूकोज को घटा देता है| इस वजह से आपको भोजन के बाद भी भूख लगती है|बिग मैक में बहुत अधिक मात्रा में मौजूद हाई-फ्रक्टोज कॉर्न सिरप होने की वजह से हमें एक बिग मैक खाने के बाद हमें और अधिक खाने का मन करने लगता है|
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60 मिनट खाने के बाद-
भोजन करने के बाद उसे पचाने में करीब 24 से 72 घंटों का समय लगता है| लेकिन एक ‘बिग मैक’ या ‘चिकन महाराजा मैक’ खाने के बाद उसे पचाने में 3 दिनों से अधिक का समय लगता है| दरअसल बर्गर में ट्रांस-फैट होता है| ट्रांस-फैट को पचाने के लिए शरीर को 51 दिनों तक का समय लग सकता है| ये मोटापा बढ़ाने, दिल की बीमारियां बढ़ाने और कैंसर जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार है|
ये था आज का पोस्ट आपकी सेहत के लिए तो अगली बार जब भी आप मेकडॉनल्ड या किसी भी दूसरे ब्रांड का बर्गर खाएं, याद रखें कि अगले एक घंटे में आपका शरीर बहुत से उतार-चढ़ावों से गुजरेगा| इसीलिए इसे रोज की आदत ना बनाएं| कभी-कभार ही खाएं तो ही आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा|उम्मीद करते है आपको आज का ये पोस्ट पसंद आएगा|