देश की सेवा हर कोई करना चाहता है| तरीके अलग हो सकते है पर मन में देश सेवा का भाव एक ही होता है| जैसा कि सब लोग जानते है आज के समय में अपने देश के लोग ही अपने नही है| खाते देश का, रहना इस देश में पर गुणगान पाकिस्तान का उस देश के नारे तक लगाये जाते है पर जब अपने देश की बात आती है तो हमारे देश के रक्षा कर रहे वो देश के सिपाही उनके पत्थर खाते है| और इस बात पर राजनीती तक खेली जाती है| धन्य है हमारा भारत देश जंहा ऐसे ऐसे महानुभाव पैदा हो रखे है|वो तो शुक्र कजिये हमारे देश के जवान उनके पत्थर का जवाब गोली से नही देते | उन्हें आपके भरोसे और साथ की जरुरत है ना की अपने देश के प्रति गद्दारी की|
नोट:- हम इस पोस्ट के माध्यम से किसी को कोई ठेस पहुचना नही चाहते| हमारा काम केवल आप लोगो को जानकारी देना है|
आज हम आपको कुछ ऐसा बतायेंगे जो शायद आप नही जानते है|जैसा की आप लोगो को पता ही है की हमारी इंडियन आर्मी में हर रजिमेंट है| जैसे गोरखा राजेमेंट ,कुमाऊ रजिमेंट , राजपुताना राईफल्स, राजपुताना रेजिमेंट, सीख राईफल्स, सीख रेजिमेंट ,मराठा रजिमेंट ,गुजरात रेजिमेंट, गुजरात राइफल्स और जाट रेजिमेंट इत्यादी| पर आप लोगो ने कभी गौर किया के इन सब में एक रजिमेंट मिस्सिंग है मुस्लिम रजिमेंट जी है यह रजिमेंट हमारी इंडियन आर्मी में है ही नही|पर ऐसा नही है के ये कभी थी ही नही पर इसे हटा दिया गया हमेशा के लिए |
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आखिर क्यूँ लेना पड़ा ये फैसला-
तो आइये आपको बताते है इस फैसले का मुख्य कारण| वैसे जो समस्या उस समय पर थी वो आज भी वैसी की वैसी ही है और वो समस्या है पाकिस्तान| वैसे बात है सन 1965 की जब भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ था | उस समय मुस्लिम रेजिमेंट और मुस्लिम राईफल्स को आदेश दिया गया की आप अपनी सेना के साथ पाकिस्तान पर हमला कीजिये पर आप लोग यकीन नही करेंगे दोनों रजिमेंट ने हमला करने से साफ़ इंकार कर दिया था और हमारी 20000 लोगो की मुस्लिम सेना ने पाकिस्तान के समाने अपने हथियार डाल दिए| जिसके कारण हमारे देश की सेना को बहुत जाएदा मुश्किलों का सामना करना पड़ा था |क्यूँ की मुस्लिम राईफल्स और मुस्लिम रेजिमेंट के ऊपर बहुत ज्यादा यकीन कर के इनको भेजा गया था
और इस घटना के बाद इन दोनों को हटा दिया गया| उसके बाद 1971 में पाकिस्तान के साथ फिर युद्ध हुआ उस वक्त सेना में एक भी मुस्लिम नहीं था उस वक्त भारत ने पाकिस्तान के नब्बे हज़ार सेना के हथियार डलवा कर उनको बंदी बना लिया था और लिखित तौर पर आत्मसमर्पण करवाया था|
तब से लेकर आज तक भारतीय सेना में मुस्लिम रेजिमेंट या मुस्लिम राईफल्स नाम की कोई सेना नही है|
एक समय ऐसा था जब हम कहते थे दूध मांगोगे तो खीर देंगे कश्मीर मांगोगे तो चीर देंगे |
पर आज कल जमाना है दूध मांगोगे तो खीर देंगे कश्मीर मांगोगे तो लाहौर भी छीन लेंगे |
आप सब से बस इतना कहना चाहूँगा देश के लिए काम कीजिये देश के खिलाफ नही|
उम्मीद करते है आपको आज का पोस्ट पसंद आएगा
जय हिन्द वन्देमातरम भारत माता की जय |
आजकल तो लोगो को इसे भी बोलने में तकलीफ होती है |
full of lies..
ऐसा नही है dear