हेलो दोस्तों केसे है आप लोग, आशा करता हु अच्छे ही होंगे| दोस्तों आज हमलोग एक बीमारी के बारे में बात करने जा रहे है जिसको हम “माता” भी बोलते है,यह बहुत ही आम शब्द है| यहा तक की डॉक्टर भी यही नाम लेकर मरीज़ का इलाज शुरू करते है| क्या आपने कभी जानने की कोशिश की, कि क्यों त्वचा से जुडी इस बीमारी को हम माता से जोडकर क्यों देखते है| दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपको यही बतायंगे| इसके बारे में एक धार्मिक कथा प्रचलित है|समाज में ये धारणा है की बीमारी भगवान् का दिया हुआ दंड है, जो बीमारी के रूप में आता है| लोगो का ये भी मानना है की हमारे शरीर पर भगवान् का नियंत्रण है| मानते है की त्वचा की ये बीमारी शीतला माता से जुडी हुई है,उन्हें उग्र और दयालु दोनों रूपों में माना जाता है| उनके दाहिने हाथ में चांदी की छड है जो बीमारी फेलने का संकेत देती है| और बाये हाथ में जलपात्र है जो रोगों के निदान का सूचक है| शीतला शब्द का अर्थ शीतलता होता है|
आप सभी को पता होगा की त्वचा की ये बीमारी क्या होती है और अगर नही पता तो हम आपको बताते है,इस रोग को मीजल्स कहते है| यह एक संक्रामक बीमारी है, जो की मीजल्स वायरस से होती है| चेहरे पर लाल पिम्पल्स के साथ ये शुरू होता है| बाद में धीरे धीरे ये पुरे शरीर में फ़ैल जाता है| इसके पीछे कुछ धार्मिक कथाये है|
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धार्मिक कथा……
कहानी के अनुसार ज्वारासुर नाम के राक्षस ने बच्चो को बीमारियों से ग्रस्त किया| माँ कात्यायनी ने शीतला माता का रूप धरकर बच्चो का रक्त शुद्ध किया तथा कीटाणु को नष्ट किया| संस्कृत में ज्वर यानि के बुखार होता है,और शीतल मतलब ठंडापन| माना जाता है की ये शीतला माता का क्रोध होता है जिससे ये बीमारी होती है|
तो इसलिए कहा जाता है माता….
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जब कोई माता से पीड़ित होता है तो ये स्वयं माता ही होती है जो रोगी को अंदर से जलाती है| माता की मौजूदगी से जो फुन्सिया निकलती है उसको माता कहा जाता है एक बात और है यह संक्रमण किसी इलाज़ से ठीक नही हो पाता यह अपने आप 6 से 10 दिन में ठीक हो जाता है| और लोगो की मान्यता है की माता का संक्रमण ठीक हो जाने के बाद शीतला माता के मंदिर अवश्य जाना चाहिए या पूजा करनी चाहिए|
तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का ये पोस्ट , आशा करता हु अच्छा ही लगा होगा, जानकारी भी अच्छी लगी होगी| दोस्तों हमारे साथ ऐसे ही बने रहे,और हमे कमेंट करके अपने विचार भी बताते रहे| ऐसी ही रोचक जानकारी के साथ फिर मिलेंगे|