हरे रंग के दो बच्चे जो किसी और दुनिया के थे|

हरे रंग के दो बच्चे जो किसी और दुनिया के थे
 

दोस्तों नमस्कार गजब चीज के नए पोस्ट में आपका स्वागत है | वैसे तो आप लोगो ने बहुत अजब गजब कहानिया सुनी होगी जिनको सच भी माना जाता है तो इसी तरह आज हम बात करेगे इंग्लैंड में वूलपिट गाँव की एक अजब घटना की जो की बारहवी शताब्दी के आस पास की है जहा कुछ लोगो को दो बच्चे मिले वो भी हरे रंग के | वैसे तो आपने दूसरी दुनिया की कहानियां बहुत सुनी होगी कभी धरती के नीचे बसी दुनिया के बारे में सुना है ?

हरे रंग के दो बच्चे जो किसी और दुनिया के थे

 

ये भी पड़े :- मसूरी का एक होटल जहां रात होते ही बेचैन हो जाता है कोई ?

हा तो दोस्तों कहानी की शुरुवात कुछ ऐसी है इंग्लैंड में स्थित वूलपिट गाँव की जहा भेडियो का आतंक था बारहवी शताब्दी के दौरान  एक दिन छुपे हुए भेडियो को खोजने के लिए वह गाँव वालो ने खेतो की खुदाई की तो खुदाई के दौरान उन्हें अजीब से दिखने वाले जिनकी  त्वचा रंग हर सा था कुछ ऐसे दो बच्चे मिले उनमे एक लड़का था और एक लड़की | उनके कपडे भी कुछ अलग तरह के थे |वो न इंसानी बोली बोल रहे थे न भाषा जो वो लोग बोल रहे ते वो समझ पा रहे थे |

हरे रंग के दो बच्चे जो किसी और दुनिया के थे

गाँव वालो ने उन बच्चो को वह से निकल के वहा के जमीदार के घर ले गये जिनका नाम सर रिचर्ड डे केन था उन्होंने उनको स्वीकार कर लिया | बच्चो को खाना दिया गया लेकिन उन्होंने वो खाना नहीं खाया उनको वंहा बिन्स दिखे तो वह उन्हें खाने लगे यहा तक की वो महीनो तक बस बिन्स ही खाते रहे|


ये भी पड़े :- आखिर जाने क्यों होती है सडको पर अलग अलग रंग की पट्टिया ?

लड़का बीमार रहने लगा था तो एक दिन बीमारी के चलते वो मर गया और लड़की अच्छी हालत में थी तो वो ओरो की तरह रहने लगी और समय के साथ साथ उसकी हरी त्वचा भी सामान्य रंग की त्वचा  जैसी हो गयी | उसने अंग्रेजी बोलना भी सिख लिया और बाद में नॉरफ़ॉक के पड़ोसी काउंटी में राजा के लिन में एक आदमी से शादी कर ली।

लड़की के अंग्रेजी सिखने के बाद उसने अपनी कहानी बतायी की वो और उसका भाई धरती के अन्दर जिसे “Land of Saint Martin” नाम से जाना जाता है वह से आये वह सूरज की रौशनी नहीं जाती है बस धुंधली सी रौशनी आती थी | 

ये भी पड़े :- कैसे बडाये अपने Instagram के followers फ्री में 

 

स्पष्टीकरण

सदियों से, इस अजीब खाते की व्याख्या करने के लिए कई सिद्धांत आगे बढ़ाए गए हैं। उनके हरे रंग के बारे में, एक प्रस्ताव यह है कि बच्चों को हाइपोचैमिक एनीमिया से पीड़ित थे, जिसे मूलतः क्लोरोसिस कहा जाता है (ग्रीक शब्द ‘क्लोरिस’ से आ रहा है, जिसका मतलब है हरा-पीला)

यह स्थिति बहुत खराब आहार से होती है जो लाल रक्त कोशिकाओं के रंग को प्रभावित करती है और परिणाम त्वचा की हरी छाया में दिखाई देती हैं। इस सिद्धांत के समर्थन में तथ्य यह है कि लड़की को स्वस्थ आहार अपनाए जाने के बाद सामान्य रंग में लौटने के रूप में वर्णित किया गया है |


अब दोस्तों ये सच है या कहानी इसका तो पता नहीं लेकिन है बड़ी गजब चीज क्या सच में धरती के निचे कोई और दुनिया है ?? अब ये हम क्या जाने धरती के ऊपर दुनिया है तो लोग इतने परेशान है | 

अच्छा दोस्तों अगर ये पोस्ट पसंद आयी तो शेयर करे कमेंट करे और सब्सक्राइब करे हमारे ब्लॉग को

जय हिन्द

By JOY DUTTA

नमस्ते _/\_ to all . This is JOY DUTTA working as a IT Engg Now i am tell you about Who am i as a person. I am a fun loving guy who love Acting, Dancing, Hangout with friends, I believe in Smart work Rather Than Hard work. I love computers because I love Computers :) In short I am interesting guy if you want reveals more about me You should to meet me. if that not possible Mail me :- joydutta14@gmail.com, or Join me on Facebook:- https://www.facebook.com/joydutta.me and also read my blogs :- www.infotechkeeda.com www.gajabchij.com Take care :) ☺

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.