दोस्तों फ़िल्म पद्मावत जो पहले पद्मावती थी रिलीज़ होने की कगार पर है| इसके विरोध के बारे में आप सब ने सुना ही होगा| और हो भी क्यूँ ना आखिर अगर कोई आपके संस्कृति से छेड़छाड़ करे तो आपको गुस्सा आना लाजमी है| और अंत में क्या हुआ मूवी का नाम बदल दिया| ये तो वही बात हुई अगर हम शराब पिये और लोगो को कहे की शरबत है तो क्या लोग मान लेंगे| खैर छोडिये जैसा मैं कहता ही हूँ की अपवाद हर जगह है| आपको याद होगा अपने अपने स्कूल टाइम में अलाउद्दीन खिलजी के बारे में तो पढ़ा ही होगा पर क्या अपने जितना पढ़ा वो सच था| वैसे आपको बता दूँ अलाउद्दीन खिलजी इस मूवी का मुख्य खलनायक है| तो चलिए आपको अलाउद्दीन खिलजी के बारे में कुछ और बाते बताते है जो अपने स्कूल टाइम नही पढ़ी|
अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का सुल्तान था| अलाउद्दीन खिलजी, खिलजी वंश का दूसरा राजा था और खिलजी वंश का सबसे शक्तिशाली सुल्तान भी था|अलाउद्दीन खिलजी ने 20 वर्ष (1296 – 1316) तक शासन किया था|
- अलाउद्दीन खिलजी अपने सगे चाचा और अपने ससुर जलाल-उद-दीन खिलजी को मारकर दिल्ली का सुल्तान बना था|
- अलाउद्दीन खिलजी स्वभाव से बहुत महत्त्वाकांक्षी और लड़ाकू था| वह खुद को “विश्व का दूसरा सिकंदर” कहता था|
- अलाउद्दीन ने अपने शासन में अपने राज्य का बहुत ज्यादा विस्तार किया था| उसने गुजरात, रणथम्बोर, मेवाड़, मालवा, जालोर, वारंगल, माबार जैसे इलाकों को जीता था|
- अलाउद्दीन खिलजी वंश का शक्तिशाली राजा था इसलिए उसे “सिकंदर-ए-शाही” की उपाधि भी दी गयी थी|
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- अलाउद्दीन खिलजी इतिहास में इसलिए प्रसिद्ध था क्यूंकि उसने मंगोल आक्रमणकारियों को कई बार हराया था|
- अलाउद्दीन खिलजी शासन में खुले में मदिरा पीना प्रतिबंधित था|
- इतिहास की मानें तो अलाउद्दीन खिलजी बहुत क्रूर शासक था और उसने खुद को पैगम्बर भी घोषित कर दिया था|
- कुछ इतिहारकारों के अनुसार, अलाउद्दीन खिलजी समलिंगी था|
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- कवि मलिक मुहम्मद जायसी ने अपनी कविताओं में कहा है कि अलाउद्दीन खिलजी को वासना और विलासिता पूर्ण जीवन जीना अच्छा लगता था| उसके हरम में 70,000 पुरुष, महिला और बच्चे हुआ करते थे|
- इन 70,000 में से 30,000 महिलायें विधवा थीं, जिनके पति को खिलजी ने ही मारा और उन महिलाओं को अपने हरम में रखवा दिया था|
- रानी पदमावती को भी अलाउद्दीन अपने हरम में रखना चाहता था लेकिन रानी पदमावती ने जौहर करके अपनी रक्षा की थी|
- अलाउद्दीन खिलजी की हर जीत के पीछे उनके एक विश्वासपात्र का हाथ था, जिसका नाम “मलिक काफूर” था जो अलाउद्दीन की सेना का सेनापति था|
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- सन 1316 में अलाउद्दीन खिलजी की मौत हुई और ये माना जाता है कि “मलिक काफूर” ने ही अलाउद्दीन को मारा था|
- कहा जाता है कि अलाउद्दीन खिलजी के अपने विश्वासपात्र “मलिक काफूर” के साथ शारीरिक सम्बन्ध भी थे|
- अलाउद्दीन की मृत्यु के मात्र 4 वर्ष बाद ही खिलजी साम्राज्य का अंत हो गया था और तुगलक वंश आरम्भ हुआ|
तो ये थी जानकारी अलाउद्दीन खिलजी के बारे में उम्मीद करते है आपको पसंद आएगी|