आखिर ख़त्म हुआ हलाला का हल्ला और तीन तलाक आखिर जाने है क्या है हलाला ?

आखिर ख़त्म हुआ हलाला का हल्ला और तीन तलाक
 

जैसा कि आप आजकल सुन ही रहे होंगे कि हर तरफ तीन तलाक, हलाला ,इछत, निकाह हलाला, हुल्ला और खुला इन सब शब्दों का बोलबाला है | सुनने में ये शब्द बड़े ही मजबूत और टिकाऊ लगते है | पर आप में से कितने इनके मतलब जानते होंगे मेरे हिसाब से शायद कुछ ही लोग | क्यूंकि ये शब्द इस्लामिक शब्द है, कुरान से लिए हुवे| वैसे इस मुद्दे पे सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है जिसका पूरा श्रेय मोदी जी को जाना चाहिए |और कोर्ट ने इसके लिए 6 महीने के अंदर कानून लागु करने की भी बात की है | जिससे मुस्लिम औरते मोदी जी बड़ी फैन बन गई है |तो चलिए आज आपको इन भारीभरकम शब्दों का मतलब भी बता देते है |

वैसे तलाक अपने आप में बुरी चीज है और इस्लाम में भी इसे बुरा ही बताया गया है| पर इसका मतलब ये नही कि लोगो से इसका हक छीन लिया जाये |सभी धर्मो कि तरह इस्लाम में भी तलाक को वैवाहिक जीवन बिगड़ जाने की बाद आखिरी विकल्प दिया गया है |

आखिर ख़त्म हुआ हलाला का हल्ला और तीन तलाक

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इछत क्या है |

तलाक के बाद जब लड़की अपने घर वापस आती है | इछत के तीन महीने बिना किसी पराए आदमी के सामने आये पूरा करती है ताकि अगर लड़की प्रग्नेंट हो तो ये बात सभी के सामने आ जाये और उसके चरित्र पर कोई ऊँगली ना उठा सके और उसके बच्चे को नजयाज ना कहा जाये | इसमें भी समाज की पुरषवादी मानसिकता है क्यूंकि धर्म चाहे कोई भी हो लड़की घर कि इज्ज़त कि ठेकेदार होती है |


 

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हलाला क्या है |

हलाला यानि कि निकाह हलाला | शरिया के अनुसार अगर एक आदमी औरत को तलाक देता है तो वो आदमी उसी औरत से तब तक शादी नही कर सकता जबतक वो औरत किसी दुसरे आदमी से शादी करके तलाक न लेले | पर ये दूसरा तलाक जायज़ हो किसी शाजिश के तहत न हो कभी कभी कोई अपने पहले पति से शादी करने के लिए दूसरी शादी करके तलाक ले लेती है और फिर से अपने पहले पति से शादी कर लेती है | और ऐसा करना इस्लाम में गलत बताया गया है|

कहा जाता है कि जब औरत दुसरे आदमी से शादी करती है और सम्बन्ध बनाती तो उसके पहले पति को तकलीफ होती है और अपने किये पर पछतावा होता |इस प्रथा की आड़ में कई बार औरतो की शादी जबरजस्ती करवा दी जाती है ताकि उनसे फिर से शादी की जा सके ऐसे कई मामले सामने आये है | ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि जब तक औरत नार्मल तरीके से शादी नही करेगी और फिर जब तलाक नही लेगी तबतक उसका पहले पति उसे पा नही सकता |

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कुरान में क्या लिखा है हलाला के बारे में

इस्लाम में अलसी हलाला का मतलब है अगर कोई तलाकशुदा औरत अपनी मर्जी से किसी दुसरे आदमी से शादी करे और इतफाक से उसका रिश्ता न निभ पाए या उसके पति की मौत हो जाये या फिर दूसरा पति भी उसे तलाक दे दे | तो ऐसी हालत में वो औरत अपने पहले पति से शादी कर सकती है |ये असली इस्लामिक हलाला है |पर लोग  मौल्वियो और काजी के साथ मिलकर इसे अपने हिसाब से प्रयोग करते है| इसी की उपज है हुला |

हलाला का नया रूप हुला क्या है

आखिर ख़त्म हुआ हलाला का हल्ला और तीन तलाक

वैसे ऐसा बहुत कम बार होता है की तलाक के बाद कोई पहला  पति फिर से अपनी पहली पत्नी से शादी करना चाहे | ये बहुत ही इतफाक से होता है |  पर अक्सर होता ये है कि तीन तलाक के आसानी से चलते मर्द बिना सोचे समझे तीन बार तलाक तलाक तलाक बोल देते है| और बाद में जब उन्हें अपने गलती का एहसास होता है तब वो फिर से उसी औरत से अपना सम्बन्ध जोड़ना चाहते है | और ऐसे किस्से काफी देखने को मिल जाते है पर फिर से सम्बन्ध जोड़ने के लिए निकाह हलाला जरुरी है |जैसा की हम पहले बता चुके है कि सब योजनाबद्ध नही होना चाहिए इस्लाम में ये नाजायज़ है| पर इसका भी एक इलाज है इसका एक पहलू ये भी है कि अगर मोलवी हलाला मान ले तो समज लीजिये की हलाला हो गया | इसलिए मोलवी के साथ ऐसे आदमी को मिला लेते है जो शादी के साथ ही औरत को तलाक दे देगा और वो फिर से शादी कर लेगी अपने पहेले पति से |इसे ही हुला कहते है | इसका मतलब हलाला होने की पूरी प्रकिर्या हुला कहलाती है |


खुला क्या है |

अगर सिर्फ पत्नी तलाक चाहे तो उसे अपने पति से तलाक मांगना होगा | और अगर पति तलाक नही चाहता तो वो अपनी पत्नी को समझाने की कोशिश करेगा पर अगर पत्नी फिर भी न मने तो उसे तलाक दे देगा | और अगर पत्नी के बार बार तलाक मांगने के बाद भी  वो उसे तलाक नही दे रहा है तो इस्लाम में इसके लिए ये आसानी रखी गई है की पत्नी  काजी (जज) के पास जाये और उनसे अपने पति से तलाक देने के लिए कहे | इस्लाम में काजी को ये हक है कि वो उनका रिश्ता ख़तम होने की घोषणा कर सकता है | जिससे उनका तलाक हो जायेगा कानून में इसे खुला कहा गया है |

वैसे यही सही तरीका है तलाक का लेकिन अफ़सोस की बात यह है की हमारे यहा इस फैसले की खिलाफ लोग खड़े हो जाते है इसका विरोध करते है और बिना सोचे समझे तलाक तलाक तलाक बोल कर तलाक दे दते है| इस्लाम के खिलाफ जा कर लोग खुद को और इस्लाम को बदनाम करते है |

और अंत में बस इतना ही कहना चाहूंगा आज के समय में एक मुस्लिम समुदाय की औरतों की लड़ाई आज एक हिन्दू लड़ रहा है ।गर्व है मुझे अपने भारत देश के उपर|

उम्मीद करता हूँ आपको आज का पोस्ट पसंद आयेगा|

By SUDHIR KUMAR

नमस्कार पाठको| I am Sudhir Kumar from haridwar. I am working with a company as a quality Engineer. i like to singing,listening music,watching movies and wandering new places with my friends. And now you can call me a blogger. If you have any suggestion or complain you direct mail me on sudhir.kumart.hdr1989@gmail.com

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