जैसा की मैं पहले भी आपको बता चूका हूँ ट्रेन के बारे में पर आज का ये पोस्ट अपनेआप में ही एक ऐसी मिसाल है जिसे पढ़कर आपको खुद लगेगा कि यार ऐसा भी हो सकता है ट्रेन कितनी बड़ी होती है उसमे सिर्फ एक पैसेंजर कैसे| पर ये सच है| और हम सलाम करते है उन लोगो को जिन्होंने ये निर्णय लिया| वो किसी ने कहा है ना की जब तक आप खुद अपनी मदद नही करोगे तो कोई दूसरा भी नही करेगा|पहले आपको कदम बढ़ना होगा बाकि लोगो तब कोई कदम बढ़ाएंगे|तो चलिए जानते है आखिर माजरा है क्या?
जापान में एक जगह सिर्फ एक बच्ची को स्कूल ले जाने और वापस घर छोडने के लिए पूरी ट्रेन आती है। उस ट्रेन में उस बच्ची के अलावा ना कोई चढता है और ना उतरता है। पूरी ट्रेन में वह अकेली बच्ची ही होती है। जापान के उत्तर के होकाइदो द्वीप के कामी शिराताकी गांव के स्टेशन को वहां के रेलवे विभाग ने बंद कर दिया था क्योंकी वहां ज्यादा सवारियां नहीं मिलती थी। लेकिन वहां से एक बच्ची रोजाना स्कूल जाती थी। जब अधिकारियों ने देखा कि बच्ची का स्कूल जाने के लिए कोई अन्य साधन नही है तो स्टेशन को चालू रखने का फैसला किया। अब इस स्टेशन पर ट्रेन 2 वक्त आती है।
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एक बार जब बच्ची इसमें सवार होकर स्कूल जाती है और दूसरी बार उसे घर छोडने के लिए। ट्रेन के टाइम को बच्ची के स्कूल के टाइम के हिसाब से एडजस्ट किया गया है। इस पूरी ट्रेन में इस बच्ची के अलावा कोई और सवारी नहीं होती है। माना जा रहा है कि इस ट्रेन की सेवा बच्ची के हाई स्कूल पास करने तक जारी रहेगी बाद में इसे बंद कर दिया जाएगा।
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तो ये था आज का पोस्ट आपके लिए| देखा अपने एक जापान है जो सिर्फ एक बच्ची को स्कूल छोड़ने के लिए पूरी ट्रेन भेजता है|और हमारे यहा लडकियों का स्कूल कैसे छुडवाना है उस पर ध्यान दिया जाता है| मैं अंत में एक बार फिर दिल से सलाम करता हूँ उस बच्ची को उसके माता पिता को और उन रेलवे के कर्मचारियों को जिन्होंने ये फैसला लिया|